खरगोन सहायक आयुक्त जे एस डामोर और लेखापाल राजेन्द्र वर्मा के खिलाफ कोर्ट जाएंगे खबर इंडिया के मालिक

खरगोन सहायक आयुक्त जे एस डामोर और लेखापाल राजेन्द्र वर्मा के खिलाफ कोर्ट जाएंगे खबर इंडिया के मालिक

खबर इंडिया के मालिक पुष्पेन्द्र आल्बे ने खरगोन सहायक आयुक्त कार्यालय के विवादास्पद लेखापाल राजेन्द्र वर्मा का ट्रान्सफ़र सूची में से नाम हटाए जाने के खिलाफ इंदौर हाई कोर्ट में सहायक आयुक्त कार्यालय को नामजद बनाते हुए जनहित याचिका की अर्जी दायर कर दी है.

गौरतलब है कि जिले के चार कांग्रेसी विधायको द्वारा खरगोन सहायक आयुक्त कार्यालय के विवादास्पद लेखापाल राजेन्द्र वर्मा को एक विशेष पार्टी का 'एजेन्ट' करार देते हुए जिले से बाहर स्थानान्तरण की मांग किए जाने के बाद भी सहायक आयुक्त जे एस डामोर उसे बचाने की भरपूर कोशिश कर रहा है.

सूत्रो के मुताबिक डामोर ने जिले के प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के पास अनुमोदन के लिए भेजी जाने वाली सूची में से राजेन्द्र वर्मा का नाम हटा दिया है.

गौरतलब है कि कुछ महीने पहले भीकनगान्व विधायक महोदया श्रीमती झुमा सोलंकी द्वारा प्रदेश के माननीय जनजातीय कार्य विभाग मंत्री श्री ओमकार सिंह मरकाम को पत्र लिखा गया, जिसमे सहायक आयुक्त कार्यालय और बीईओ आफ़िस के चार कर्मचारिओ - राजेन्द्र वर्मा, एके मीणा, सुरेश पन्वार और योगेश परिहार - को जिले से बाहर स्थानान्तरण की मांग की गई थी.

पत्र में माननीय विधायक महोदया द्वारा खुले तौर पर आरोप लगाया गया कि उक्त चारों कर्मचारी जिले में 10 वर्षो से पदस्थ होकर सभी की कार्यप्रणाली संदिग्ध, विवादास्पद है. साथ ही चारों कर्मचारिओ के खिलाफ एक विशेष पार्टी के एजेंट के तौर पर काम करने का आरोप भी लगाया गया, जो कि किसी भी शासकीय कर्मचारी के खिलाफ सबसे गम्भीर आरोप होता है.

सहायक ग्रेड-3 योगेश परिहार के खिलाफ माननीय भीकनगान्व विधायक महोदया के साथ ही भगवानपुरा तत्कालीन विधायक श्री विजय सोलंकी द्वारा भी शिकायत की गई थी.

मामले की गंभीरता को समझते हुये माननीय जनजातीय कार्य विभाग मंत्री श्री ओमकार सिंह मरकाम द्वारा उक्त चारों कर्मचारियो की जिले से बाहर स्थानान्तरण की तत्काल अनुशंसा कर दी गई थी. 

उक्त अनुशंसा का पत्र क्रमांक 83/18.1.19 (राजेन्द्र वर्मा), 84/18.1.19 ( एके वीणा), 86/10.1.19 ( सुरेश पन्वार), 88/4.2.19 (योगेश परिहार) माननीय विभागीय मंत्री के कार्यालय से सहायक आयुक्त कार्यालय, खरगोन को प्रेषित किए गए थे.

उक्त अनुशंसा पत्र के जवाब में सहायक आयुक्त कार्यालय, खरगोन द्वारा जिले से बाहर स्थानान्तरण की अनुशंसा की जाने की बात कहकर प्रस्ताव मप्र शासन को भेजे गए, जिसका जावक क्रमांक 5370-71/06 03/19 (प्रमुख सचिव) और 5372-73/ 06 03/19 है.

खरगोन सहायक आयुक्त कार्यालय इस विभागीय पत्र व्यवहार के बाद भी उक्त चारों कर्मचारियो के स्थानान्तरण करने की जहमत नहीं उठाई, जबकि माननीय विभागीय मंत्री ने भी चारो के स्थानान्तरण की अनुशंसा कर दी थी.

सूत्रो के मुताबिक, खबर इंडिया द्वारा मामले की जानकारी जिले के सभी कांग्रेसी नेताओ को दिए जाने और भोपाल आयुक्त को भी इससे अवगत कराये जाने के बाद डामोर ने तीन कर्मचारिओ - मीणा, परिहार और सुरेश पन्वार - के नाम स्थानान्तरण सूची में जुड़वा दिए, लेकिन राजेन्द्र वर्मा को बचाने की जुगत अभी भी चल रही है.

हैरानी की बात ये है कि राजेन्द्र वर्मा को हटाने की सिफारिश जिले के कान्ग्रेसी विधायको ने की थी और मध्यप्रदेश में अभी सरकार भी कांग्रेस की ही है. इसके बावजूद राजेन्द्र वर्मा को बचाने की कवायद हो रही है.

सूत्रो के मुताबिक, पिछले सप्ताह डामोर जिले के प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा जी के महेश्वर आगमन पर उनसे मिलने गया था.

जे एस डामोर का यह निन्दनीय कृत्य दर्शाता है कि उसे न प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने की कोई परवाह है और न ही इस बात को उसने कोई अहमियत दी कि जिले के सभी कांग्रेसी विधायको ने 'एजेंट' राजेन्द्र वर्मा के खिलाफ शिकायते की थी.

सूत्रो के मुताबिक डामोर एक-दो दिन में सूची लेकर माननीय प्रभारी मंत्री के पास अनुमोदन के लिए जाएगा और उसके बाद 25 जुलाई तक तबादलो के आदेश निकाल दिए जाएंगे.

लेकिन उससे पहले ही राजेन्द्र वर्मा पूरे आफ़िस और खरगोन में कहता फ़िर रहा है कि उसे उसके माई-बाप जे एस डामोर ने बचा लिया है और उसका नाम तक सूची से हटा दिया गया है.

"चंद महीने पहले खरगोन आए सहायक आयुक्त जे एस डामोर ने कांग्रेस विधायको के खिलाफ और माननीय जनजातीय कार्य विभाग मंत्री के खिलाफ जाकर राजेन्द्र वर्मा का नाम ट्रान्सफ़र सूची में से हटा दिया है. ऐसा करके डामोर ने न सिर्फ़ सरकारी नियमो की धज्जियां उड़ाई है, बल्कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार की भी अव्हेलना की है. खबर इंडिया की तरफ़ से इसके खिलाफ इंदौर हाई कोर्ट में जनहित याचिका की अर्जी दायर कर दी गई है" खबर इंडिया के मालिक पुष्पेन्द्र आल्बे ने बताया.