खबर इंडिया के खुलासे के बाद दिन भर 'दलाल' राजेन्द्र वर्मा के पास बैठा रहा अश्विन गुप्ता

खबर इंडिया के खुलासे के बाद दिन भर 'दलाल' राजेन्द्र वर्मा के पास बैठा रहा अश्विन गुप्ता

खबर इंडिया के खुलासे के बाद दिन भर 'दलाल' राजेन्द्र वर्मा के पास बैठा रहा अश्विन गुप्ता

सहायक आयुक्त कार्यालय का जिला क्रीडा अधिकारी अश्विन गुप्ता खबर इंडिया के खुलासे के बाद बुधवार को दिनभर परियोजना प्रशासन एकीकृत में 'दलाल' लेखापाल राजेन्द्र वर्मा के पास बैठा रहा. दूसरी और, एसी आफ़िस में अश्विन गुप्ता द्वारा कार्यमुक्ति के सहायक आयुक्त के जारी किए गए आदेश को गायब कर दिए जाने की चर्चा होती रही.

खबर इंडिया ने बुधवार को खुलासा किया था कि अश्विन गुप्ता की कार्यप्रणाली से नाखुश सहायक आयुक्त जेएस डामोर ने 31 जनवरी को ही उसकी मूल पदस्थापना कन्या उमावि, क्रमांक 2 के लिए तत्काल प्रभाव से रिलीव कर दिया था. लेकिन अश्विन गुप्ता ने आवक-जावक शाखा से कार्यमुक्ति के आदेश ही गायब करवा दिए.

खबर इंडिया के खुलासे के बाद एसी आफ़िस के कर्मचारियो के बीच भी अश्विन गुप्ता की कारगुजारी को लेकर चर्चाए होती रही. खास बात ये है कि एसी आफ़िस में ही किसी को भी अश्विन गुप्ता को रिलीव कर दिए जाने की जानकारी नहीं थी.

इसी शर्म के मारे अश्विन गुप्ता बुधवार को एसी आफ़िस आने के बजाय 'दलाल' लेखापाल राजेन्द्र वर्मा के पास ही बैठा रहा.

क्या है पूरा मामला: सुत्रो के मुताबिक, कुछ समय पहले आजाक सम्भागीय उपायुक्त गणेश भाँवर जिले के भगवानपूरा ब्लाक में निरिक्षण के लिए आया था. उस वक्त खरगोन सहायक आयुक जेएस डामोर इन्दौर गया हुआ था, इसलिए उसने अश्विन गुप्ता को भाँवर की आवभगत के इंतज़ाम करने की जिम्मेदारी सौंपी थी. सुत्रो के मुताबिक्, आफ़िस के पुष्पेन्द्र पन्वार और कुछ मुहलगे अधिक्षको के माध्यम से अश्विन गुप्ता ने भाँवर के लिए शराब और कबाब की अच्छी खासी महफ़िल सजाई. लेकिन, पार्टीबाजी के दौरान इस कदर शराब पी गई कि भाँवर बिना कुछ खाये ही वापस लौट गया.

इसी से गुस्सा होकर जेएस डामोर ने अश्विन गुप्ता को 31 जनवरी को उसकेर मूल पदस्थापना कन्या उमावि, क्रमांक 2, खरगोन के लिए कार्यमुक्त कर दिया. खबर इंडिया के पास उक्त आदेश की कापी है, जिसमे अश्विन गुप्ता को तत्काल कार्यमुक्त करने और आफ़िस के राजेश दान्गी को उसके वित्तीय प्रभार लेने के लिए आदेशित किया गया है.

लेकिन अश्विन गुप्ता ने न सिर्फ़ जेएस डामोर के आदेश की धज्जियां उड़ा दी, उससे भी दो कदम आगे जाकर आवक शाखा से आदेश की प्रतियां ही गायब करवा दी. सुत्रो के मुताबिक, इस वजह से ना तो राजेश दान्गी और ना ही कन्या उमावि क्रमांक 2 के प्राचार्य को अभी तक आदेश की प्रति मिल पाई है और अश्विन गुप्ता अभी भी एसी आफ़िस में ही ड्युटी कर रहा है.

वैसे जेएस डामोर के आदेशो की आफ़िस के कर्मचारियो द्वारा अव्हेलना करना कोई नई बात नहीं है. खबर इंडिया ने पिछले साल भी एक से बड़कर एक खुलासे किये थे कि किस तरह स्थानान्तरण के बाद भी सुरेश पन्वार, मीणा, वर्मा जैसे दलाल कर्मचारी अपने पद पर डटे रहे.