काबुलः गुरुद्वारा हमले में 11 लोगों की मौत, खौफनाक मंजर के बीच फंसे छोटे-छोटे बच्चे

काबुलः गुरुद्वारा हमले में 11 लोगों की मौत, खौफनाक मंजर के बीच फंसे छोटे-छोटे बच्चे

दुनिया जब कोरोना वायरस से निपटने में लगी है उसी वक्त अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के बीचोंबीच मौजूद एक गुरुद्वारे पर कायराना हमला हुआ। अरदास के लिए जमा हुए सिख समुदाय के लोगों पर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में 11 लोगों की मौत हो गई। हमले के तुरंत बाद अफगान सुरक्षाकर्मी और विदेशी सुरक्षाबल हरकत में आए। करीब छह घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद सभी 4 आतंकियों को मार गिराया गया। हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है। उधर, तालिबान ने ट्वीट कर बताया कि हमले में उसका हाथ नहीं है।

हमला सुबह-सुबह हुआ। गुरुद्वारे में कई छोटे-छोटे बच्चे भी मौजूद थे जो हमला और उसके बाद हुए एनकाउंटर के वक्त गुरुद्वारे में फंस गए। हर तरफ चीख-पुकार मची हुई थी। सुरकर्मियों ने जब उन्हें बाहर निकाला, तब उनके चेहरे पर खौफ साफ दिखाया दे रहा था। उधर, सिख सांसद नरिंदर सिंह खालसा ने कहा कि गुरुद्वारे के भीतर मौजूद एक व्यक्ति ने उन्हें फोन किया और हमले के बारे में बताया जिसके बाद वह मदद करने के लिए वहां गए। उन्होंने कहा कि हमले के वक्त गुरुद्वारे के भीतर करीब 150 लोग थे और हमले में कम से कम चार लोगों की मौत हुई है। खालसा ने कहा कि पुलिस हमलावरों को वहां से बाहर निकालने का प्रयास कर रही है।


भारत ने इस कायरतापूर्ण हमले की निंदा की है। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, 'हम काबुल में एक गुरुद्वारे पर हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं। अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों पर ऐसे वक्त में कायरतापूर्ण हमला, हमलावरों और उनका साथ दे रहे लोगों की क्रूरतापूर्ण मानसिकता को दर्शाता है।' उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान में दो ही गुरुद्वारे हैं। एक जलालाबाद में और एक काबुल में। अफगानिस्तान में 300 से भी कम सिख परिवार रहता है।