बड़ा खुलासा: बहावलपुर हेडक्वार्टर में बम प्रूफ घर में छिपा बैठा है 'लापता' आतंकी मसूद अजहर

बड़ा खुलासा: बहावलपुर हेडक्वार्टर में बम प्रूफ घर में छिपा बैठा है 'लापता' आतंकी मसूद अजहर

पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना और भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी मौलाना मसूद अजहर के लापता होने की बात सामने आ रही है। मगर भारत की काउंटर टेरर एजेंसियों ने इस बात की पुष्टि की है कि आतंकी मसूद अजहर फिलहाल कड़ी सुरक्षा के बीच एक बम प्रूफ घर में रह रहा है। आतंकी मसूद अजहर पाकिस्तान में रेलवे लिंक रोड, मरकज-ए-उस्मान-ओ-अली में स्थित आतंकी समूह के बहावलपुर हेडक्वार्टर के पीछे एक वर्चुअल बम प्रूफ घर में रह रहा है। नाम न जाहिर होने की शर्त पर इंटेलीजेंस अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। 

आतंकी मसूद अजहर के तीन अन्य ज्ञात पते हैं: बहावलपुर में कौसर कॉलोनी, खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के बन्नू में मदरसा बिलाल हब्शी और उसी प्रांत के लक्की मरवत में मदरसा मस्जिद-ए-लुकमान। बता दें कि पिछले साल फरवरी में आतंकी संगठन जैश द्वारा किए गए पुलवामा हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान को सौंपे गए एक डोजियर के अनुसार, 2016 में पठानकोट एयरबेस पर जैश के आतंकी हमले की जांच के दौरान पाए गए मोबाइल नंबरों में से एक मोबाइल नंबर सीधे बहादुरपुर आतंकी फैक्ट्री से जुड़ा हुआ पाया गया था।

यह जानकारी इसलिए भी काफी प्रासंगिक हो जाती है क्योंकि हालिया रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान पेरिस में रविवार से शुरू होने वाली फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) बैठक में बता सकता है कि आतंकी मसूद अजहर गायब है। हालांकि, पाकिस्तान ने एफएटीएफ की प्लेनरी मीटिंग से ठीक पहले आतंकी फंडिंग के आरोप में जमात-उद-दावा के प्रमुख और आतंकी हाफिज सईद और उसके सहयोगियों को दो मामलों में करीब साढ़े पांच-पांच साल की जेल की सजा सुनाई है। मगर मुंबई 2008 हमले के मास्टरमाइंड आतंकी मसूद अजहर और रहमान लखवी के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं की है। 

भारतीय खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के सार्वजनिक बयानों के अनुसार आतंकी अजहर रीढ़ की हड्डी की बीमारी से पीड़ित है और उसका भाई अब्दुल रऊफ असगर अल्वी जैश के डे फैक्टो एमिर तौर पर पदभार संभाल रहा है।

भारतीय अधिकारियों के अनुसार, आतंकी अल्वी पुलवामा और पठानकोट में हमलों के लिए जिम्मेदार है। इन दोनों आतंकी हमलों के वक्त जैश का ऑपरेशनल हेड वही था। पठानकोट हमला एक ओर जहां भारतीय और पाकिस्तानी नेताओं के बीच उभरती हुई दोस्ती-अमन को तोड़ने के लिए किया गया था, वहीं अल्वी के परिजनों आतंकी तलहा रशीद और उस्मान हैदर की मौत के लिए बदले के लिए पुलवामा हमले को अंजाम दिया गया था। बता दें कि पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।