सिंधिया की एग्जिट के बाद हाईकमान की नजरों से ‘उतरे’ कमलनाथ-दिग्विजय?

सिंधिया की एग्जिट के बाद हाईकमान की नजरों से ‘उतरे’ कमलनाथ-दिग्विजय?

मध्यप्रदेश कांग्रेस में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा। पार्टी से ज्योतिरादित्य सिंधिया की विदाई और राज्य में सरकार गंवाने के बाद कांग्रेस आलाकमान स्थानीय नेताओं से नाराज है। पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जो कोरोना टास्क फोर्स बनाई है, उसको देखकर तो कम से कम ऐसा ही लग रहा है।

सोनिया ने टास्क फोर्स में राज्य कांग्रेस के दो सबसे बड़े नेता-कमलनाथ और दिग्विजय सिंह-तक को इसमें जगह नहीं दी है। प्रदेश के नेताओं की अनदेखी चौंकाने वाली है, खासकर इसलिए भी क्योंकि मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है और इससे होने वाली मौतों के मामले में यह देश में दूसरे नंबर पर है।

हाल तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे कमलनाथ की गांधी परिवार से नजदीकियां किसी से छिपी नहीं हैं जबकि दिग्विजय सिंह अब भी प्रदेश में पार्टी के सबसे कद्दावर नेता हैं। दोनों ही नेता पूर्व में काग्रेस की कई शीर्षस्तरीय कमेटियों में शामिल रह चुके हैं, लेकिन सिंधिया के विद्रोह के बाद पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की नजरों में दोनों की हैसियत कमजोर हुई है। कयास लग रहे हैं कि सोनिया सहित पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व मध्य प्रदेश में सरकार के पतन को इन दोनों नेताओं के पॉलिटिकल मैनेजमेंट की विफलता मान रहा है। इसी चलते उन्हें पार्टी की जिम्मेदारियों से दूर रखा जा रहा है।

टास्क फोर्स में इन्हें मिली जगह
टास्क फोर्स में प्रदेश के नेताओं की गैर मौजूदगी से बीजेपी को भी कांग्रेस पर निशाना साधने का मौका मिल गया है। बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा है कि प्रदेश कांग्रेस के नेताओं से पार्टी हाईकमान नाराज है। इसीलिए उन्हें टास्क फोर्स में जगह नहीं दी गई है।