राजस्थान का मिडनाइट ड्रामा, देर रात सीएम गहलोत ने की कैबिनेट बैठक, सत्र बुलाने पर अड़े

राजस्थान का मिडनाइट ड्रामा, देर रात सीएम गहलोत ने की कैबिनेट बैठक, सत्र बुलाने पर अड़े

राजस्थान में सत्ता डांवाडोल है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्यपाल कलराज मिश्र अपने-अपने स्टैंड पर डटे हुए हैं. मुख्यमंत्री चाहते हैं कि विधानसभा सत्र सोमवार को बुलाया जाए ताकि वो अपना शक्ति प्रदर्शन कर पाएं, वहीं राज्यपाल की दलील है कि उन्हें किसी फैसले पर पहुंचने के लिए थोड़ा वक्त चाहिए.

इस बीच शुक्रवार देर रात तक सीएम अशोक गहलोत अपने विधायकों के साथ मीटिंग करते रहे, और कानूनी विकल्पों और सियासी हथियारों पर गंभीर मंत्रणा की. सीएम के सामने अपने कुनबे को एकजुट रखने की चुनौती है. दरअसल अशोक गहलोत को डर सताने लगा है कि कहीं ऐसा ना हो कि फ्लोर टेस्ट में देरी हो तो दो-चार विधायक हाथ से खिसक जाएं. इसलिए वे फ्लोर टेस्ट करके डंके की चोट पर अपनी सीएम की कुर्सी को संवैधानिक मान्यता देना चाहते हैं.

शुक्रवार को रात लगभग सवा 10 बजे जयपुर में सीएम आवास पर राजस्थान कैबिनेट की मीटिंग शुरू हुई. रात साढ़े बारह बजे तक चले इस कैबिनेट मीटिंग का एक ही एजेंडा था कि सरकार को कैसे बचाया जाए.

सीएम अशोक गहलोत अब सोमवार से विधानसभा का सत्र चाहते हैं, लेकिन राज्यपाल कलराज मिश्र कोरोना संकट और संवैधानिक प्रावधानों के अध्ययन का हवाला देते हुए थोड़ा वक्त मांग रहे हैं. गहलोत ने शुक्रवार शाम को कहा कि राज्यपाल दबाव में आ गए हैं. उन्हें विधानसभा का सत्र बुलाना चाहिए.

दरअसल विधानसभा पटल ही वो जगह है जहां कांग्रेस अपने पक्ष में जरूरी विधायकों का समर्थन दिखा सकती है. राज्यपाल पर दबाव बनाने के लिए राजभवन पहुंच गए. यहां पर उन्होंने नारेबाजी और धरने पर बैढ़ गए. भूख लगी तो बिस्किट का आनंद लिया, लेकिन वहां से हटे नहीं.