महामारी के बीच 45 देशों के 15 लाख से ज्यादा टीबी मरीजों को नहीं मिला इलाज, अध्ययन में खुलासा

महामारी के बीच 45 देशों के 15 लाख से ज्यादा टीबी मरीजों को नहीं मिला इलाज, अध्ययन में खुलासा

साल 2020 में कोरोना महामारी की दस्तक के बाद देश में लॉकडाउन लगने से टीबी रोगियों का काफी नुकसान हुआ। इसकी वजह से 45 देशों के करीब 15 लाख से भी ज्यादा टीबी रोगियों को इलाज नहीं मिला है जिनमें भारत भी शामिल है। यह दावा बीएमसी मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधार्थियों ने किया है।

टीबी रोगियों के सरकारी आंकड़ों की समीक्षा के बाद शोधार्थियों ने निष्कर्ष निकाला कि महामारी के कारण आए व्यवधानों की वजह से इन रोगियों को उपचार मिलने में चूक हुई है या फिर देरी हुई है। इसके कारण टीबी मरीजों के स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर पड़ा है। अध्ययन में विश्लेषण के दौरान यह भी पता चला कि आधे से अधिक देशों में बच्चे असमान रूप से प्रभावित हुए हैं। लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन (एलएसएचटीएम), यूके के शोधकर्ताओं ने दर्ज किया कि टीबी पर कोरोना महामारी के प्रभाव को कम करने के प्रयासों में कमजोर आबादी को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
 
अध्ययन के संयुक्त प्रमुख लेखक फिन मैकक्यूएड ने कहा, हमारे नतीजे बताते हैं कि कई देशों में जिन्हें पहले से ही टीबी निदान और देखभाल प्राप्त करने में सबसे अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ा है, उन्हें महामारी के चलते काफी खराब स्थिति का सामना करना पड़ा है। अब यह जरूरी है कि हम उन लोगों पर ध्यान केंद्रित करें जिनमें टीबी की स्थिति काफी गंभीर है। अध्ययन में आंकड़े बताते हैं कि 15 वर्ष से कम आयु के 195,449 बच्चे, 15 से 64 वर्ष की आयु के 11.26 लाख और 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के 2.35 लाख रोगियों का उपचार प्रभावित हुआ है।