म्यांमार में तख्तापलट के विरोध में स्वास्थकर्मियों ने काम करने से किया इनकार, भारत-जापान के संपर्क में अमेरिका

म्यांमार में तख्तापलट के विरोध में स्वास्थकर्मियों ने काम करने से किया इनकार, भारत-जापान के संपर्क में अमेरिका

म्यांमार के इतिहास में सैन्य तख्तापलट के विरोध में अब तक का सबसे बड़ा सार्वजनिक आंदोलन हो रहा है। लोकतंत्र समर्थक समूहों ने तख्तापलट के खिलाफ आक्रोश जताने के लिए लोगों से मंगलवार रात आठ बजे कुछ मिनट तक शोर मचाने की अपील की थी। इसके बाद बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे लोगों ने लगभग एक घंटे तक हॉर्न, ड्रम और बर्तन बजाए। उन्होंने सू की के बेहतर स्वास्थ्य की कामना करते हुए सैन्य शासन से आजादी के समर्थन में नारे लगाए। एक प्रदर्शनकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि म्यांमार की संस्कृति में ड्रम बजाने का अर्थ शैतान को भगाना होता है।

इस बीच, सू की की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी ने लोगों से सविनय अवज्ञा के जरिये सैन्य शासन की अवहेलना करने की अपील की। पार्टी के शीर्ष नेता विन तीन कहा, ‘म्यांमार पर तख्तापलट रूपी अभिशाप लगा हुआ है। इसी के चलते हमारा देश गरीब बना हुआ है। मैं अपने साथी नागरिकों और उनके भविष्य को लेकर चिंतित हूं। 2020 के आम चुनाव में हमारा समर्थन करने वाले लोग सविनय अवज्ञा में हिस्सा लें।’ उधर, पार्टी प्रवक्ता की तोए ने बताया कि सेना ने सरकारी परिसर में नजरबंद रखे गए सैकड़ों सांसदों पर लगे प्रतिबंध हटाने शुरू कर दिए हैं। सैन्य शासन ने सांसदों से अपने घर जाने के लिए कहा है। हालांकि, सू की को कुछ और समय के लिए नजरबंदी में रखा जाएगा।

70 अस्पतालों ने काम रोका
म्यांमार में बुध‌वार को 70 अस्पतालों के कर्मचारियों ने नागरिक अवज्ञा आंदोलन में हिस्सा लेते हुए काम रोकने की घोषणा की। अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा समुदाय को संबोधित पत्र में कर्मचारियों ने कहा, ‘कोविड-19 के खिलाफ जंग में म्यांमार पहले से ही संसाधनों की कमी और ढांचागत समस्याओं का सामना कर रहा था। अब म्यांमार की सेना ने बर्बर तरीके से तख्तापलट करते हुए अपना शासन स्थापित कर लिया है। उसने अपने हितों को महामारी के दौरान आर्थिक, सामाजिक और चिकित्सकीय मुश्किलों का सामना कर रही जनता से ऊपर रखते हुए यह कदम उठाया है।’ पत्र में स्वास्थ्यकर्मियों ने स्पष्ट किया है कि वे सैन्य शासन को मान्यता नहीं देते हैं। चिकित्सा सेवा के संबंध में उन्हें सिर्फ देश की निर्वाचित सरकार का आदेश स्वीकार्य होगा।

म्यांमार में सोमवार के तख्तापलट के बाद बनी सैन्य सरकार पिछले साल के चुनावों में कथित धोखाधड़ी की जांच की योजना बना रही है। वह कोविड-19 महामारी से निपटने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के उपायों को भी प्राथमिकता देगी। म्यांमार के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यामांर’ ने एक सैन्य नेता के हवाले से यह जानकारी दी। अखबार ने बताया कि वरिष्ठ जनरल मिन आंग हालिंग ने मंगलवार को राजधानी में अपनी नई सरकार की पहली बैठक में आगामी कदमों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आंग सान सू की की निर्वाचित नागरिक सरकार को हटाने का एक कारण यह था कि वह कथित व्यापक चुनावी अनियमितताओं के आरोपों की ठीक से जांच करने में विफल रही। सेना एक साल के लिए आपातकाल की स्थिति के तहत सत्ता चलाएगी और फिर चुनाव आयोजित करेगी, जिसमें जीतने वाले सरकार बनाएंगे।