भारत के 3 इलाकों को नेपाल ने अपने नक्शे में दिखाया, और बढ़ा विवाद

भारत के 3 इलाकों को नेपाल ने अपने नक्शे में दिखाया, और बढ़ा विवाद

नेपाल की सरकार ने अपना नया राजनीतिक नक्शा जारी कर दिया है. इस नए नक्शे में भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को भी शामिल किया गया है. 8 मई को भारत ने उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के लिए सड़क का उद्घाटन किया था जिसे लेकर नेपाल ने कड़ी आपत्ति जताई थी. उसके बाद से नेपाल में खूब विरोध-प्रदर्शन होने लगे थे. नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने भी कहा था कि वह एक इंच जमीन भारत को नहीं देंगे. नेपाल के इस कदम के बाद दोनों देशों के बीच गतिरोध बढ़ने की आशंका गहरा गई है.

नेपाल में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में भूमि प्रबंधन मंत्री पद्मा आर्या ने नेपाल का नया नक्शा पेश किया. सरकार के प्रवक्ता युबराज काठीवाड़ा ने कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, आज की कैबिनेट बैठक में भूमि संसाधन मंत्रालय ने नेपाल का संशोधित नक्शा जारी किया जिसका सबने समर्थन किया. इस नए नक्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा भी शामिल हैं.

नेपाल सरकार के एक मंत्री ने काठमांडू पोस्ट से कहा, सरकार भारत की तरफ से हो रहे अतिक्रमण को लंबे वक्त से बर्दाश्त कर रही थी लेकिन फिर भारतीय रक्षा मंत्री ने लिपुलेख में नई सड़क का उद्घाटन कर दिया. हमें लग रहा था कि भारत हमारी वार्ता की मांग को गंभीरता से ले रही है लेकिन जब आर्मी चीफ ने विवादित बयान दिया तो हम घबरा गए. आखिरकार हमने नया नक्शा जारी करने का फैसला किया.

रविवार को हुई कैबिनेट बैठक में नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारतीय सेना प्रमुख एम. एम नरवणे के बयान पर आपत्ति जताई. दरअसल, नरवणे ने चीन का नाम लिए बगैर कहा था कि लिपुलेख पर नेपाल किसी और के इशारे पर विरोध कर रहा है. हालांकि, आधिकारिक तौर पर नेपाल की आर्मी और सरकार ने नरवणे के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.