'सीता' का दर्द, बोलीं- रामायण की फीस बताने में शर्म आती है

'सीता' का दर्द, बोलीं- रामायण की फीस बताने में शर्म आती है

दूरदर्शन ने जबसे रामानंद सागर कृत धार्मिक शो 'रामायण' (Ramayan) का री-टेलीकास्ट किया है, तब से ये धारावाहिक जबरदस्त चर्चा में है. एक दौर में सबसे बड़ी हिट रही सीरीज 'रामायण' इस दौर में भी दुनिया भर में कई रिकॉर्ड्स तोड़ चुकी है. वहीं इस दौरान 'रामायण' में अहम किरदार निभाने वाले एक्टर्स भी खूब चर्चा में आ गए हैं. लोग इन कलाकारों के बारे में जानने के लिए उत्सुक दिख रहे हैं. वहीं इस बीच 'रामायण' में माता सीता (Sita) का किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस दीपिका चिखलिया (Deepika Chikhalia) ने अपना दर्द बयान किया है. उन्होंने 'रामायण' की फीस के साथ-साथ सही सम्मान नहीं मिलने पर भी नाराजगी जाहिर की है.

'रामायण' धारावाहिक के प्रसारण के बाद इसे दर्शकों का इतना जबरदस्त प्यार मिला कि ये दुनिया भर में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला शो भी बन गया. वहीं इस बीच माता सीता का किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस दीपिका चिखलिया ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में अपना दर्द बयान किया है. दरअसल, हाल ही में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 'रामायण' के निर्माता रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर को पत्र लिखकर धन्यवाद दिया था और कहा था कि 'नई पीढ़ी के लिए रामायण वरदान साबित हुआ है'. इसी मामले पर दीपिका ने बात की है.

उनका कहना है कि 'दर्शकों ने तो खूब प्यार दिया, लेकिन उस वक्त सरकार की ओर से बेरुखी दिखाई गई. ना तो कभी कोई नैशनल अवॉर्ड मिला, ना ही कोई पद्म सम्मान. उन्होंने ये भी बताया कि 'उस वक्त 'रामायण' में काम करने का मेहनताना भी इतना मामूली था कि तब भी बताने में शर्म आती थी और आज भी शर्म आती है'. उनका मानना है कि 'रामायण' को आज भी दर्शकों का इतना प्यार इसलिए मिल रहा, क्योंकि उस दौर में इस धारावाहिक से जुड़े हर शख्स ने जी-तोड़ मेहनत की थी.

उन्होंने आगे कहा कि 'हम सभी कलाकारों ने पैसे के लिए कभी भी ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे दर्शक इमोशनली हर्ट हों'. उन्होंने कहा कि 'हम अवॉर्ड मांग नहीं रहे हैं, लेकिन पॉइंट आउट जरूर कर रहे हैं कि अब मोदी सरकार ने जिस तरह रामायण सीरियल को एक बार फिर से दुनिया के सामने लाने का काम किया है. अब आगे मोदीजी को लगे की रामायण की टीम ने कल्चर और लिट्रेचर में कुछ काम किया है तो वो हमें पद्म सम्मानों से सम्मानित करने के बारे में सोचें'.